ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ा तनाव, अमरनाथ यात्रा पर क्या होगा असर, कैसी है तैयारी?

पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी अमरनाथ यात्रा पर अनिश्चितता के बादल छाए हुए हैं. हालांकि यात्रा को लेकर सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए गए हैं. हिमलिंग की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय किए गए हैं और श्राइन बोर्ड ने सुरक्षा टीम तैनात की है.
पहलगाम हमले के बाद आतंकियों को नेस्तनाबूद करने के लिए सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान में 9 ठिकानों पर हमला किया. लगभग 100 आतंकी मारे गए. इसी बीच, अमरनाथ यात्रा को लेकर अनिश्चितता के बादल छाए हुए हैं. हालांकि, इस यात्रा को 3 जुलाई से शुरू होना है. लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति कायम है. यात्रा मार्ग पर पहले से अधिक सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर इलाके में तनाव की स्थिति कायम है, लेकिन माना जा रहा है कि अमरनाथ यात्रा अपनी तय तिथि पर ही शुरू होगी. यात्रा को लेकर श्राइन बोर्ड ने पहले ही कई व्यवस्थाएं की हैं. श्राइन बोर्ड के प्रवक्ता ने कहा कि हिमलिंग की सुरक्षा के लिए गुफा के द्वार पर लोहे की ग्रिल लगाई गई है. ेवहीं उन्होंने कहा कि जल्द ही श्राइन बोर्ड की एक टीम गुफा के लिए रवाना होने वाली है. ये टीम हिमलिंग की सुरक्षा और संरक्षण करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि गुफा के भीतर जाकर कोई भी हिमलिंग से छेड़छाड़ न करे.
टीम के सदस्यों को उन भक्तों से करीब दो माह तक जूझना पड़ेगा जो समय से पहले ही हिमलिंग के दर्शन करना चाहते हैं. वहीं कुछ श्रद्धालु यात्रा शुरू होने से पहले ही पहुंच रहे हैं. क्योंकि पिछले कई सालों से देखा जा रहा है कि हिमलिंग यात्रा शुरू होने से पहले ही पिघल जाता है.
शिवलिंग का बदला आकार
वहीं पहलगाम आतंकी हमले से पहले भारत-पाकिस्तान में तनाव के बीच जम्मू कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले पहली प्राकृतिक हिम शिवलिंग की पहली तस्वीर सामने आई है. तस्वीर में देखा जा सकता है कि इस बार शिवलिंग ने चौड़ाई का आकार लिया है. दावा किया जा रहा है कि ऊंचाई करीब 8 से 10 फीट है. देशभर के श्रद्धालु पूरे साल अमरनाथ गुफा में बनने वाली हिम शिवलिंग की तस्वीर का इंतजार करते हैं.
इस साल अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने जा रही है. ये यात्रा करीब 38 दिनों तक चलेगी जो अगस्त में समाप्त होगी. इस बार यात्रा का समापन छड़ी मुबारक के साथ रक्षाबंधन के दिन पूरी होगी.
उपराज्यपाल ने तैयारियों का लिया जायजा
हालांकि अमरनाथ यात्रा को लेकर जम्मू कश्मीर के उपराज्य और श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज सिन्हा ने तैयारियों का जायजा लिया है. यात्रा के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की उम्र 13 से 70 साल के बीच होनी चाहिए, साथ ही मेडिकल सर्टिफिकेट भी जरूरी है.