हैदराबाद आग हादसा: निकलने के संकरा रास्ता…मेन गेट पर आग की लपटें, 17 लोगों के लिए बना काल

हैदराबाद के चारमीनार के पास एक पुरानी इमारत में लगी आग से 17 लोगों की मौत हो गई. संकरी गलियों और सीढ़ियों के कारण लोग नहीं बच पाए. यह परिवार 125 वर्षों से इस इमारत में रह रहा था और आभूषण का व्यापार करता था.
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद की पहचान ऐतिहासिक चारमीनार के पास रविवार को लगी आग की वजह से 17 लोगों की मौत हो गई. जान गंवाने वाले लोगों के लिए इमारत का संकरा रास्ता और सीढ़ियां जान पर भारी पड़ गईं. क्योंकि वे समय रहते सुरक्षित स्थान पर भागने में सफल नहीं हो सके.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह परिवार वहां 125 वर्षों से रह रहा है, जिससे यह संकेत मिलता है कि वे पीढ़ियों से वहां रह रहे थे. कहा जाता है कि पीड़ित परिवार शहर की सबसे पुरानी आभूषण की दुकानों का संचालन कर रहा था.
ओवैसी ने कहा कि अब परिवार के केवल दो लोग बचे हैं. मैं अपनी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि अग्निशमन सेवा महानिदेशक से हमारी बात हुई है. उन्होंने बताया ज्यादातर मौतें धुएं से दम घुटने के कारण हुईं. यह बहुत दर्दनाक है. यहां गुलजार हाउस के पास रविवार को दशकों पुरानी इमारत में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी आग से आठ बच्चों सहित 17 लोगों की मौत हो गई.
11 दमकल गाड़ियों ने आग पर पाया काबू
तेलंगाना राज्य आपदा प्रतिक्रिया और अग्निशमन सेवा के महानिदेशक वाई नागी रेड्डी ने कहा कि 11 दमकल गाड़ियों ने कड़ी मेहनत के बाद आग पर काबू पाने में दो घंटे लगे. उन्होंने कहा कि धुुंआं इतना ज्यादा था कि बचाव कर्मियों को घर में प्रवेश करने के लिए ऑक्सीजन मास्क का उपयोग करना पड़ा. रेड्डी ने कहा कि इमारत का प्रवेश द्वार संकरा था और उसमें आग और धुआं भरा हुआ था तथा सीढ़ियों के माध्यम से पहली मंजिल तक पहुंचने का रास्ता केवल एक मीटर चौड़ा था, जिसके कारण उसमें रहने वाले लोग बचकर निकलने में असमर्थ थे. इमारत में पहुंचने के लिए केवल दो मीटर का एक ही प्रवेश द्वार था, जो एक सुरंग जैसा था.
धुएं से दम घुटने से हुई मौत
उन्होंने बताया कि पहली और दूसरी मंजिल तक पहुंचने के लिए एक मीटर का सकरा रास्ता था और एक सीढ़ी थी. वहीं जब आग लगने की घटना हुई तो लोग सो रहे थे. दूसरी मंजिल पर सो रहे चार लोगों को सीढ़ियों की मदद से बाहर निकाला गया. आग लगने के कुछ ही देर बाद गुलजार हाउस इलाके में चूड़ियों का कारोबार करने वाले और आग की घटना के प्रत्यक्षदर्शी जाहिद ने कहा कि सुबह करीब 6.10 बजे जब वह अपने दोस्तों के साथ वहां से गुजर रहे थे, तो एक महिला ने उन्हें बताया कि इमारत में आग लग गई है और अंदर परिवार के सदस्य और बच्चे मौजूद थे.
आग की लपटों से घिरा था मेन गेट
उन्होंने कहा कि इमारत का मेन गेट आग की लपटों से घिरा हुआ था, इसलिए शटर और दीवार तोड़कर अंदर घुसे. आग की लपटें तेज होने के कारण पहली मंजिल पर पहुंचे. वहां एक कमरे में सात लोगों और दूसरे कमरे में छह लोगों थे. आग की वजह से उन्हें बचाया नहीं जा सका. जाहिद ने कहा कि एक महिला अपने बच्चों को गले लगाए हुए थी, दोनों बच्चों की मौत हो चुकी थी.
अग्निशमन विभाग ने कहा कि ऊपरी मंजिलों तक पहुंचने के लिए कोई वैकल्पिक सीढ़ी/रास्ता नहीं था और आग भूतल पर लगी थी, इसलिए धुआं और गर्मी तेजी से ऊपरी मंजिलों तक पहुंच गई, जिससे एकमात्र निकला का रास्ता भी बंद हो गया. हवा के लिए सड़क की ओर कोई खिड़कियां या दरवाजे नहीं थे. उस्मानिया अस्पताल के शवगृह में शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया. वहां पर गमगीन माहौल था, क्योंकि परिजन फूट-फूटकर रो रहे थे.