अयोध्या: ‘1 दिन धरने का भरो 50 लाख रुपये…’, मजदूर ने 20 दिन किया विरोध-प्रदर्शन, बिजली विभाग ने लगाया करोड़ों का जुर्माना

अयोध्या में बिजली निगम की नीतियों के विरोध में धरना देने वाले मजदूर नेता जय गोविंद सिंह पर 5.5 करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया गया है. निगम का दावा है कि धरने से भारी राजस्व हानि हुई है. यह नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोकतंत्र पर सवाल उठा रहा है. मजदूर नेता को 25 जून तक यह राशि जमा करनी होगी.
उत्तर प्रदेश में रामनगरी अयोध्या से एक बड़ी खबर है. यहां बिजली निगम की नीतियों का विरोध कर रहे मजदूर यूनियन के नेता को निगम अधिकारियों ने साढ़े पांच करोड़ का नोटिस थमा दिया है. आरोप है कि मजदूर नेता के धरने की वजह से विभाग को भारी नुकसान हुआ है और इस नुकसान की भरपायी उन्हें खुद करनी होगी. इसी के साथ विद्युत निगम के एक्सईएन ने मजदूर नेता को तय की गई राशि को जमा कराने के लिए 25 जून तक की समय सीमा भी तय कर दी है.
एक्सईएन की ओर से जारी यह नोटिस इस समय सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही है. जानकारी के मुताबिक अयोध्या में बिजली निगम संविदाकर्मियों को बिना नोटिस के ही बाहर निकाल रही थी. इसके विरोध में विद्युत मजदूर पंचायत के जिलाध्यक्ष जय गोविंद सिंह मुख्य अभियंता (वितरण) अशोक कुमार चौरसिया के ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए थे. उनका यह धरना 22 अप्रैल से शुरू होकर 10 मई तक चला था. इसके बाद एक्सईएन ने जय गोविंद सिंह को एक रिकवरी नोटिस थमा दिया है. इस नोटिस में उन्होंने कहा है कि धरना प्रदर्शन की वजह से विद्युत विभाग को राजस्व हानि हुई है.
नोटिस में बताया साढ़े पांच करोड़ का नुकसान
एक्सईएन ने राजस्व हानि निर्धारित करते हुए इसकी भरपायी के लिए जय गोविंद सिंह को आदेश दिया है. उन्होंने बताया है कि 22 अप्रैल से 30 अप्रैल तक (50 लाख प्रतिदिन के हिसाब से) 4.5 करोड़ की राजस्व हानि हुई है. वहीं 1 मई से 10 मई तक (10 लाख प्रतिदिन के हिसाब से) करीब 1 करोड़ का नुकसान हुआ है. इसलिए जय गोविंद सिंह को राजस्व नुकसान की पूरी रकम यानी साढ़े पांच करोड़ रुपये विभाग में जमा करने होंगे.
सोशल मीडिया में वायरल हो रही नोटिस
इसके लिए उन्होंने अंतिम तिथि 25 जून निर्धारित की है. एक्सईएन का यह नोटिस इस समय सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही है. इसमें लोग बिजली निगम में लोकतंत्र को लेकर सवाल उठा रहे हैं. लोग पूछ रहे हैं कि लोकतांत्रिक भारत में कब से धरना और प्रदर्शन अवैध हो गया. क्या इस देश में हक की लड़ाई पर भी प्रतिबंध है. हालांकि मजदूर नेताओं ने खुद इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया है.
एक्सईएन बोले- अभी बिजी हूं
इस घटना के संबंध में TV9 भारतवर्ष ने एक्सईएन से बात करने की कोशिश की. पहले तो उन्होंने तीन बार फोन ही नहीं उठाया. चौथी बार उठाया भी तो कहा कि वह बिजी हैं और बाद में बात करेंगे. उन्होंने इस संबंध में जवाब देने के लिए एक-दो तारीख को ऑफिस आकर बात करने को कहा है.