बांके बिहारी कॉरिडोर मामले में यूपी सरकार को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी ये अनुमति

बांके बिहारी कॉरिडोर मामले में यूपी सरकार को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी ये अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने बांके बिहारी कॉरिडोर मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश में संशोधन किया है. उत्तर प्रदेश सरकार को मंदिर के आसपास भूमि खरीदने के लिए मंदिर निधि का उपयोग करने की अनुमति दी गई है, लेकिन यह जरूरी है कि अधिग्रहीत जमीन देवता/ट्रस्ट के नाम हो. कोर्ट ने कहा कि ऐतिहासिक मंदिरों को उचित रखरखाव की आवश्यकता होती है और रिसीवर की नियुक्ति करते समय धार्मिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. मथुरा न्यायालय को भी निर्देश दिया गया है कि वह एक अनुभवी रिसीवर नियुक्त करे.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में सर्वोच्च अदालत ने संशोधन कर यूपी सरकार को राहत दी. सर्वोच्च अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को प्रस्तावित योजना के अनुसार मंदिर के आसपास की भूमि खरीदने के लिए मंदिर निधि का उपयोग करने की अनुमति दी. सर्वोच्च अदालत ने फैसले में कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के नंवबर, 2023 के आदेश को इस सीमा तक संशोधित किया जाता है कि उत्तर प्रदेश को प्रस्तावित योजना के अनुसार मंदिर के आसपास की भूमि खरीदने के लिए मंदिर निधि का उपयोग करने की अनुमति दी जाती है, बशर्ते कि अधिग्रहित भूमि देवता/ट्रस्ट के नाम पर हो.

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि यह एक स्थापित तथ्य है कि ऐतिहासिक मंदिर पुरानी संरचनाएं हैं. उन्हें उचित रखरखाव और अन्य रसद सहायता की आवश्यकता होती है, और इस तथ्य के साथ यह भी जोड़ा गया है कि बड़ी संख्या में मंदिरों में रिसीवरों की नियुक्ति दशकों से की जा रही है, जिसका मूल रूप से एक अस्थायी उपाय के रूप में इरादा था.

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि रिसीवर नियुक्त करते समय संबंधित न्यायालय यह ध्यान में नहीं रख रहे हैं कि मथुरा और वृंदावन, वैष्णव संप्रदायों के लिए दो सबसे पवित्र स्थान हैं और इसलिए वैष्णव संप्रदायों के व्यक्तियों को रिसीवर के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए.

फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

यह हाईकोर्ट के उन निर्देशों को सही अर्थ देगा, जो पर्याप्त प्रशासनिक अनुभव, ऐतिहासिक, धार्मिक, सामाजिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों से संबंधित हैं और अधिवक्ताओं को रिसीवर के रूप में नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए.

इसके अलावा सिविल जज (वरिष्ठ डिवीजन), मथुरा को दिनांक 27.08.2024 के विवादित आदेश का अनुपालन करने और संबंधित पर्याप्त प्रशासनिक अनुभव रखने वाले रिसीवर की नियुक्ति करने का निर्देश दिया जाता है.

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