पद्मश्री श्याम शर्मा की कला पर बनीं शॉर्ट फिल्मों का प्रदर्शन, कई दिग्गज हुए शामिल

पद्मश्री श्याम शर्मा की कला पर बनीं शॉर्ट फिल्मों का प्रदर्शन, कई दिग्गज हुए शामिल

फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम ने कहा कि श्याम शर्मा जिस तरीके से काम करते हैं वो अनुकरणीय है. उन्होंने कहा कि बिहार फिल्म नीति आयी है. सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और ऐसी फिल्मों को इस नीति में शामिल करना चाहिए.

पटना के बापू टावर सभागार में शनिवार को छपायी कला के मूर्धन्य कलाकार पद्मश्री श्याम शर्मा की विशिष्ट कला यात्रा पर आधारित तीन शॉर्ट फिल्मों की विशेष स्क्रीनिंग और वक्तव्य का आयोजन किया गया. इस आयोजन ने कला प्रेमियों को श्याम शर्मा के जीवन, छाप कला के प्रति उनका रुझान और उनके सफर, उनकी सृजनशीलता और संघर्ष से जुड़ने का अद्वितीय अवसर प्रदान किया.

शॉर्ट फिल्मों में मेहदी शॉ की ‘व्हाइट एंड व्हाइट, अफजल अदीब खान और शैलेंद्र कुमार की ‘द प्रिंटमेकर’ और शांतनु मित्रा की ‘इन्साइट’ शामिल थीं. इन फिल्मों के माध्यम से दर्शकों को श्याम शर्मा की जीवनी, कला के प्रति उनके जुनून और उनके शुरुआती कलात्मक संघर्षों से परिचित कराया गया.

कई दिग्गज कार्यक्रम में हुए शामिल

कार्यक्रम का शुभारंभ पद्मश्री श्याम शर्मा, फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम, फिल्म निर्देशक अरविंद रंजन दास, फिल्मकार मेहदी शॉ, शांतनु मित्रा और अफजल अदीब खान के स्वागत के साथ हुआ. बापू टावर के निदेशक विनय कुमार ने पुष्पगुच्छ भेंट कर सभी अतिथियों का अभिनंदन किया.

पहला दर्शक बनने का सौभाग्य

फिल्मों की स्क्रीनिंग के बाद वक्तव्य सत्र में विनय कुमार ने श्याम शर्मा से जुड़ी स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि मुझे श्याम शर्मा के प्रिंट्स का पहला दर्शक बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. आज भी उनमें जो ऊर्जा है, वह किसी भी युवा को प्रेरित करने के लिए पर्याप्त है. फिल्म निर्देशक अरविंद रंजन दास ने श्याम शर्मा और उनकी पत्नी नवनीत शर्मा के साथ अपने अनुभव साझा किए, जिससे कार्यक्रम भावनात्मक रूप से भी समृद्ध हुआ.

वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे

फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम ने कहा कि श्याम शर्मा जिस तरीके से काम करते हैं वो अनुकरणीय है. उन्होंने कहा कि बिहार फिल्म नीति आयी है. सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और ऐसी फिल्मों को इस नीति में शामिल करना चाहिए. इसके बाद अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे. कार्यक्रम का अंत पारस्परिक संवाद के बाद श्याम शर्मा के समापन वक्तव्य के साथ हुआ.

कौन हैं पद्मश्री श्याम शर्मा?

कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि श्याम शर्मा का जन्म मथुरा में हुआ था. स्नातक में अनुत्तीर्ण होने के बाद उन्होंने लखनऊ के कला डिग्री कॉलेज में प्रवेश लिया, जहां से उनके छपायी कला के सफर की शुरुआत हुई. प्रदर्शनी में पटना के कला, फिल्म और साहित्य जगत से जुड़े अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे और उन्होंने शॉर्ट फिल्मों के माध्यम से श्याम शर्मा की सृजनशीलता और योगदान को सराहा.