बिहार में ताड़ी से हटेगा बैन? JDU नेता की CM नीतीश कुमार से बड़ी मांग, जानें क्या कहा

बिहार में ताड़ी से हटेगा बैन? JDU नेता की CM नीतीश कुमार से बड़ी मांग, जानें क्या कहा

JDU के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष मुन्ना चौधरी ने कहा कि ताड़ी को शराबबंदी से अलग किया जाए, क्योंकि ताड़ी में कोई अल्कोहल की मात्रा नहीं होती है. इसीलिए उसे प्रतिबंध से मुक्त किया जाए.

बिहार में ताड़ी से बैन हटाने की मांग ने फिर जोर पकड़ लिया है. इस बार तो बाकायदा इसकी मांग सीएम नीतीश कुमार से कर दी गई है, वो भी जेडीयू नेता मुन्ना चौधरी के द्वारा. मुन्ना चौधरी की बात सुनते समय सीएम नीतीश कुमार को देखकर लगा जैसा वह इसको लेकर काफी गंभीर हैं. उन्होंने जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को अपने पास बुलाया और कहा कि उमेश जी जरा इनकी सुन लीजिए, क्या कहना चाह रहे हैं.

बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को NDA की बैठक में हिस्सा लेने के बाद पटना स्थित जेडीयू कार्यालय पहुंचे. उनके साथ मंत्री अशोक चौधरी और जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी थे. जब वह गाड़ी से उतरने के बाद ऑफिस की तरफ जा रहे थे, तभी जेडीयू नेता मुन्ना चौधरी उनके पास आ गए. पहले तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकना चाहा, लेकिन जब नीतीश की उन पर नजर पड़ी तो उन्होंने मुन्ना को आने दिया.

JDU नेता मुन्ना चौधरी ने की मांग की

जेडीयू नेता मुन्ना चौधरी ने सीएम नीतीश कुमार से अनुरोध किया कि बिहार में ताड़ी पर लगे बैन को हटा दिया जाए. इस दौरान काफी शोर भी हो रहा था तो सीएम नीतीश कुमार ने अपने पीछे चल रहे प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को पास बुलाया और कहा कि उमेश जी जरा इनकी सुनिए, आखिर क्या कहना चाह रहे हैं. इस दौरान नारेबाजी कर रहे कार्यकर्ताओं को सीएम नीतीश कुमार शांत भी कराते दिखे.

बता दें कि बिहार में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी पहले से ही ताड़ी से प्रतिबंध हटाने की मांग कर रही है. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर विधानसभा चुनाव में महागठबंधन सत्ता में आता है तो हम ताड़ी को निषेध कानून (शराबबंदी) से बाहर कर देंगे. तेजस्वी ने यह भी घोषणा की थी कि ताड़ी को राज्य में उद्योग का दर्जा दिया जाएगा.

ताड़ी से बैन हटने से पासी समाज को फायदा

जानकारी के मुताबिक, बिहार की आबादी में पासी समुदाय की हिस्सेदारी करीब 1% है. वे अनुसूचित जातियों में 5वां सबसे बड़ा समूह हैं, जिनकी आबादी 19.65% है. एक अनुमान के अनुसार, राज्य में शराबबंदी लागू होने से पहले करीब पांच लाख पासी ताड़ी बेचकर अपनी आजीविका चला रहे थे. शराबबंदी के बाद से इनकी आजीविका को चोट पहुंची और ये बेरोजगार हो गए. अब तेजस्वी यादव इनको लुभाने में जुटे हैं और ताड़ी को शराबबंदी कानून से बाहर रखने की बात कह रहे हैं.

NDA के सहयोगी भी कर चुके ताड़ी से प्रतिबंंध हटाने की मांग

NDA के मुख्य सहयोगी चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (आर) भी ताड़ी से बैन हटाने की मांग कर चुकी है. कई बार मंचों से एलजेपी (आर) प्रमुख चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश सरकार को ताड़ी से बैन हटा देना चाहिए. पिछले दिनों जब चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार से अकेले में मुलाकात की थी तो इस बात की चर्चा ने और जोर पकड़ लिया था. अब जब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं तो हो सकता है कि नीतीश सरकार पासी समाज को अपने पाल में लाने के लिए ताड़ी से बैन हटाने का बड़ा फैसला कर लें.

क्या बोले सीएम नीतीश कुमार से मिलने वाले मुन्ना चौधरी?

वहीं सीएम नीतीश कुमार से मिलने वाले JDU के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष मुन्ना चौधरी ने कहा कि मैं पासी समाज से आता हूं. सीएम नीतीश से मैंने कहा कि पासी समाज के लोग ताड़ी के पेड़ से गिर कर मर जाते हैं, लेकिन उनको मुआवजा नहीं मिलता. 500 से ज्यादा ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमें मुआवजा नहीं मिला है.

हमने कहा कि ताड़ी को शराबबंदी से अलग किया जाए, क्योंकि ताड़ी में कोई अल्कोहल की मात्रा नहीं होती है. इसीलिए उसे प्रतिबंध से मुक्त किया जाए. उन्होंने कहा कि मैं इससे पहले भी कई बार सीएम से मिलकर शराबबंदी से ताड़ी को अलग करने की मांग का चुका हूं. जब भी मुलाकात होगी, तब भी मैं यह बात करता रहूंगा.