CM मोहन यादव के नेतृत्व में PM ने लगाई बड़ी छलांग… कृषि उद्योग समागम में बोले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

कृषि उद्योग समागम-2025: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दीप प्रज्ज्वलन और कन्या पूजन कर समारोह की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरा इस क्षेत्र से लगाव बहुत पुराना है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मनमोहक हैं, कार्यशील हैं. वे हर पल गांव और किसान की चिंता करते हैं.
‘आज का कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण है. मैं अभिभूत हूं कि मेरे सामने बैठे युवा, नारी शक्ति और सभी लोग अन्नदाता हैं, देश के भाग्यविधाता हैं. किसान की जितनी पूजा की जाए, उतनी कम है. किसान भारत की रीढ़ की हड्डी है. किसान समरसता का प्रतीक है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मनमोहक हैं, कार्यशील हैं. वे हर पल गांव और किसान की चिंता करते हैं. इनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश सबसे बड़ी छलांग लगाएगा. ये मैं अपने सामने देख रहा हूं. क्योंकि, आज की कृषि को उद्योग से जोड़ने की जो पहल है वो बहुत बड़ी सोच का परिणाम है.’ यह बात उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नरसिंहपुर जिले में कही.
उपराष्ट्रपति कृषि उद्योग समागम-2025 में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद थे. इस मौके पर उप-राष्ट्रपति धनखड़ ने 116 करोड़ की लागत के 86 विकासकार्यों का भूमि-पूजन भी किया. मेरे मामा की पोती का यहां ससुराल है.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की वजह से कृषि उद्योग समागम जैसा कार्यक्रम देखने को मिला. देश का हर राज्य इसका अनुकरण करेगा. किसानों से कृषि का बहुत लगाव होना चाहिए. इस पहल की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी. आज पूरा देश राष्ट्र भावना से ओतप्रोत है. पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है. ऑपरेशन सिंदूर का लोहा दुनिया ने माना है.
किसानों का जीवन बेहतर हो रहा- उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि विकसित भारत का रास्ता किसान के खेत से जाता है, विकसित भारत का रास्ता गांव से निकलता है, विकसित भारत की कुंजी किसान के पास है. उस किसान को डॉ. मोहन यादव सृजित कर रहे हैं. इससे अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा उछाल आएगा. पूरे देश में विकसित भारत के लिए महायज्ञ चल रहा है. यह महायज्ञ हर किसी की आहुती मांगता है. सबसे निर्णायक आहुती किसान की है. मेरे किसान भाई पूरी तरह सजग हैं.
उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य हम हासिल करके रहेंगे. मैं किसान भाइयों से अपील करूंगा कि आप अपने आपको उत्पाद तक सीमित मत रखिए, आपको इसकी मार्केटिंग से जुड़ना चाहिए. किसान को व्यापार-उद्योग में आना चाहिए, तभी उसकी तरक्की होगी. मैं मानकर चलता हूं कि मध्यप्रदेश में किसान-उद्यमी ज्यादा से ज्यादा होंगे. किसानों की राष्ट्रभक्ति और मेहनत से हम विकसित राष्ट्र का लक्ष्य 2047 से पहले ही हासिल कर लेंगे.
नरसिंहपुर के किसानों की पहचान-यादव
कार्यक्रम में सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मां नर्मदा के आशीर्वाद से आज भगवान नरसिंह के नाम की इस नगरी की अलग ही छटा दिखाई दे रही है. सच्चे अर्थों में ये हमारा पूरा प्रदेश सश्य-श्यामला है. कृषि के अलग-अलग सेक्टर में पूरे प्रदेश की अलग पहचान है. उसमें भी पूरा प्रदेश एक तरफ और नरसिंहपुर एक तरफ. यहां की तूअर दाल, यहां की प्राकृतिक खेती, यहां के उन्नत किसान मध्यप्रदेश ही नहीं, पूरे देश में अपनी अलग पहचान रखते हैं. इस स्थान पर मां नर्मदा की विशेष कृपा है. यहां उच्च गुणवत्ता की सभी प्रकार की फसलों के लिए विशेष व्यवस्था है. हमने सरकार बनने के बाद कई सेक्टरों में काम किया है.
मध्य प्रदेश वो धरती है, जो नदियों का मायका है. जितनी नदियां मध्यप्रदेश में हैं, वो शायद ही कहीं और हों. प्रदेश की विशेषता नहीं है कि ग्लेशियर न होने के बाद भी नदियां हैं. यहां के जंगल, यहां की चट्टाने, यहां का सौंदर्य अलग ही हैं. यहां की नदियां न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि अन्य राज्यों को भी लाभ पहुंचाती हैं. मध्यप्रदेश के विकास में सबसे बड़ा आशीर्वाद मां नर्मदा का है. हम अगर किसी और राज्य में जाएं तो गर्मी के समय खेत खाली मिलेंगे, लेकिन जहां-जहां मां नर्मदा हैं, वहां खेतों में हरियाली मिलेगी.
पीएम के मिशन ज्ञान पर फोकस
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन-बेतवा नदी परियोजना से मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड का माहौल बदलने वाला है. इसी तरह पार्वती-काली सिंध-चंबल नदियों के जुड़ने से प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान को भी लाभ होगा. इन दो के अलावा तीसरा नदी जोड़ो अभियान भी है. गेंहूं उपार्जन के मामले में प्रदेश दूसरे नंबर पर है. प्रदेश को 30 लाख करोड़ का निवेश मिला है. इससे करीब 22 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम मिशन ज्ञान (गरीब-युवा-अन्नदाता-नारी शक्ति) पर काम कर रहे हैं.
साल 2002-03 तक प्रति व्यक्ति आए केवल 11 हजार रुपये थी, जबकि 2025 में प्रति व्यक्ति आए 1 लाख 52 हजार हुई है. हम 90 फीसदी अनुदान देकर किसानों को सोलर पंप देगी. हम किसानों के जीवन की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं. किसान जो यंत्र खरीदना चाहें, सरकार उसमें मदद करेगी. हमारी सरकार नरसिंहपुर में 102 हेक्टेयर में इंडस्ट्रियल पार्क विकसित कर रही है. हमनें एयर एंबुलेंस, साइबर तहसील शुरू की. हमने राहवीर योजना शुरू की है. जो भी घायल को अस्पताल ले जाएगा, उसे हमारी सरकार 25 हजार रुपये देगी.